आजकल कृषि उत्पादों की खरीद और बिक्री को डिजिटल तकनीकों के माध्यम से प्रबंधित करने की आवश्यकता बढ़ रही है। इसी क्रम में, ई-प्रोक्योरमेंट यानि इलेक्ट्रॉनिक खरीद एक आसान एवं सुव्यवस्थित प्रभावी प्रणाली है जो सप्ताह से अधिक समय तक चलने वाली कृषि खरीद प्रक्रिया को काफी सरल एवं गतिशील बनाती है। साथ ही एक समय पर अधिकतम कृषि उत्पादकों-खरीदारों को आपस में जोड़ने में मदद करती है। यह एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक खरीद प्रणाली है, जो बिना किसी मध्यस्थी, हस्तलिखित कागजी-दस्तावेजों की बजाय, वेब उपकरण या किसी नेटवर्क सिस्टम के माध्यम से कृषि कार्यों एवं सेवाओं, कृषि उत्पादनों और उपकरणों की खरीद-बिक्री की अनुमति देती है।
ब्लूवेव कन्सल्टिंग की मार्केट रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार 2023 में भारतीय आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन (एससीएम) का मार्केट साइज $3,421.17 मिलियन होने का अनुमान था। वहीं 2024 और 2030 तक भारतीय आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन (एससीएम) का मार्केट साइज 11.1% की सीएजीआर से बढ़कर $6,433.24 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।
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इलेक्ट्रॉनिक खरीद प्रणाली के फायदे –
1. आसान खरीद प्रक्रिया: डिजिटल और एग्री-टेक प्लेटफॉर्म के जरिए और ई-खरीद प्रणाली के तहत किसान सभी मानदंडों का पालन करते हुए, 5 मिनट के भीतर अधिक कुशल और त्रुटि मुक्त खरीद प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
2. उचित फसल मूल्य प्राप्ति: यह प्लेटफार्म पारदर्शिता और प्रत्यक्ष क्रेता-विक्रेताओं को बातचीत की सुविधा देता है, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसानों को उनकी फसल का गुणवत्ता आधारित उचित मूल्य प्राप्त हो सकें।
3. खरीद जोखिम को कम करना: इलेक्ट्रॉनिक खरीद प्रणाली पारंपरिक खरीद प्रणालियों से जुड़े हर जोखिम को कम करती है, जैसे कि गलत विश्लेषण, खराब विक्रेता प्रबंधन, मानवीय त्रुटियां और अपर्याप्त आपूर्ति श्रृंखला जोखिम प्रबंधन आदि।
4. खरीद से भुगतान प्रक्रिया: यह प्रणाली खरीद-से-भुगतान तक की प्रक्रिया को बेहद आसान और सुव्यवस्थित करती है, समय-समय पर जोखिम और लागत को कम करती है और बेहतर खरीदारी निर्णयों को डिजिटल बनाती है।
5. खर्चों का विश्लेषण: ई-खरीद प्रणाली, संगठन के खरीद खर्चों की विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। किसान, पोर्टल पर उपलब्ध कराए गए डेटा का लाभ उठाकर, सम्पूर्ण आर्थिक व्यवहार में सुधार करके लागत बचा सकती हैं।
6. मानवीय एवं हस्तचलित त्रुटियों से बचाव: पारंपारिक खरीद प्रक्रिया, ई-प्रोक्योरमेंट में बदलने से एक डिजिटल कार्यप्रवाह तैयार हुआ है, जिससे किसी भी प्रकार की हस्तचलित गलतियों से बचा जा सकता है।
ई- खरीद एक बढ़ती प्रवृत्ति है जिसके कई फायदे और नुकसान भी हैं। ई खरीद में बड़ी संख्या में व्यक्तिगत लेनदेन शामिल होते हैं, इसलिए उन्हें प्रबंधित करना विशेष रूप से मुश्किल हो सकता है। इससे खरीदारी पूरी करने में और ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया में कुछ कमियां या देरी हो सकती है।
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एग्रीबाज़ार भी, किसानों एवं व्यापारियों को अपनी विभिन्न सेवाओं के साथ ई-मंडी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक खरीद-बिक्री की सुविधा देता है। यह ऑनलाइन खरीद के साथ सुरक्षित एवं त्वरित भुगतान सेवा प्रदान करता है। फसलों, किसानों को सीधे प्रतिस्पर्धी से जोड़ता हैं और बेहतर उपज मूल्य प्राप्त करने में सहायता करता है। इतना ही नहीं, अपनी सहयोगी कंपनी स्टारएग्री और एग्रीवाइज के जरिए किसानों को सही उपज भाव मिलने तक भंडारण सुविधा देता है। कृषि व्यापार को बढ़ाने के लिए अल्प ब्याज दरों पर कमोडिटी लोन एवं संपार्श्विक प्रबंधन सेवा भी प्रदान करता है।