लगातार बढ़ती जनसंख्या के साथ बढ़ती भोजन मांग को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने मिनीक्रोमोसोम के माध्यम से एक फसल में कई लक्षण जोड़ने का अहम तरीका खोज निकाला है। यह पौधों को कुछ विशेषताओं को प्राप्त करने में मदद कर सकता है जो उन्हें बेहतर गुणवत्ता वाली कृषि-वस्तुओं का उत्पादन करने में मदद कर सकता है। मिनी-क्रोमोसोमल तकनीक पौधों के जीन में परिवर्तन नहीं करती है बल्कि यह कुछ विशेष गुणों को जोड़ने में सहायता करती है जो फसलों के लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं।
मिनी-क्रोमोसोमल टेक्नोलॉजी क्या है?
मिनिक्रोमोसोम तकनीक अनुक्रमिक तरीके से जीन को सिंथेटिक क्रोमोसोम में जोड़ती है। यह तकनीक उन लक्षणों को भी जोड़ने में मदद कर सकती है जो पोषण अवशोषण को बढ़ा सकते हैं। जीन के प्रबंधन की अनुमति देने वाली तकनीकी प्रगति के माध्यम से जेनेटिक इंजीनियरिंग की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
मिनी-क्रोमोसोमल तकनीक के फायदे?
1. मिनी-क्रोमोसोमल तकनीक किसानों को स्वस्थ और गुणवत्ता में बेहतर फसलों का उत्पादन करने में मदद करती है।
2. यह तकनीक ऐसी फसलों को उगाने में मदद करेगी जो किसी भी तरह की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अधिक उत्पादन देगी।
3. इस माध्यम से किसान बढ़ती जनसंख्या के साथ कृषि-वस्तुओं की बढ़ती मांग को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
4. मिनी-क्रोमोसोमल ने रासायनिक खाद की आवश्यकता को काफी हद तक कम किया है, जिसके चलते पर्यावरण और मानवी स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव भी कम होते देखने को मिल रहे हैं।
5. विभिन्न गुणों वाली विभिन्न प्रकार की फसलों के उत्पादन में किसानों की सहायता करता है।
वर्ष 2022-2026 में कृषि बाजार में वैश्विक मिनीक्रोमोसोमल प्रौद्योगिकी के प्रभावशाली CGAR के साथ वृद्धि देखने को मिल सकती है। लगातार उभरती तकनीकों और जैव-तकनीकी प्रक्रियाओं के चलते अगले 5 सालों में कृषि बाजार में वैश्विक मिनीक्रोमोसोमल तकनीक के विकास को आगे बढ़ा रही है। किसानों को पर्याप्त लाभ मिल सके इसलिए कई कृषि-प्रौद्योगिकी कंपनियां इस प्रकार की तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देने के लिए लगातार अहम कदम उठा रही है। एग्रीबाज़ार, देश का एक ऐसा अग्रणी ऑनलाइन मार्केटप्लेस हैं, जो अपनी नई-नई कृषि सुविधाओं के जरिए निरंतर किसानों की खेती और आजीविका बढ़ाने में उनकी सहायता कर रहा है।