ड्रोन तकनीक भारतीय कृषि प्रणाली को बनाएगी और अधिक सक्षम

ड्रोन तकनीक पारंपरिक खेती के तरीकों को बदलकर किसानों को निरंतर स्मार्ट खेती की ओर लेकर जा रही है। निस्संदेह यह तकनीक भारतीय कृषि समुदाय का भविष्य उज्ज्वल कर रही है। ड्रोन तकनीक किसानों को उनकी फसल की भूमि और संसाधनों को अधिक बेहतर और स्थिर रूप से प्रबंधित करने में सहायता करती है। IMARC समूह की रिपोर्ट के अनुसार 2032 तक भारत का ड्रोन बाजार 9.13% CAGR से बढ़कर $1,108.9 मिलियन से $ 2,434.3 मिलियन तक पहुंच सकता है।

एग्रीबाज़ार भी अपनी विभिन्न कृषि-तकनीकी सुविधाओं के जरिए किसानों की निरंतर मदद कर रहा है। ‘एग्रीभूमि’ एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग कृषि वातावरण का विश्लेषण और पूर्वानुमान निकालने हेतु किया जाता है, जो कृषक समुदाय और कृषि व्यापार के लिए फायदेमंद है। भूमि आवरण और भूमि उपयोग में होनेवाले बदलावों का पता लगाने के लिए यह एक प्रभावी और शक्तिशाली उपकरण है। रिमोट सेंसिंग, जीआईएस और मशीन लर्निंग का उपयोग कर एग्रीबाज़ार फसल स्वास्थ्य, संक्रमण की सीमा, संभावित उपज और मिट्टी की स्थिति की जानकारी प्रदान करता है।

कृषि ड्रोन तकनीक के फायदे –

1. मिट्टी और कृषि योग्य भूमि:
ड्रोन का उपयोग करके पोषण स्तर, नमी की मात्रा की जांच की जा सकती है। वहीं सिंचाई, उर्वरक, रोपण कार्यों के लिए मिट्टी और कृषि योग्य भूमि का भी विश्लेषण किया जा सकता है।
2. फसल निगरानी: ड्रोन के माध्यम से निरंतर फसलों की निगरानी की जा सकती हैं, जिससे समय पर जैविक और अजैविक समस्याओं के प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है। 
3. फसल सुरक्षा: ड्रोन के जरिए कीट, खरपतवार और रोग नियंत्रण उत्पादों की सटीक मात्रा में छिड़काव कर अधिक फसल उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
4. उत्पादकता: ड्रोन तकनीक कृषि कार्यों में लगने वाली इंसानी मेहनत को काफी हद तक कम करती है। जैविक चुनौतियों से निपटने में और अधिक उत्पादकता के साथ अन्य बचे हुए कार्य करने में सहायता करती है।
5. नए सेवा मॉडल: डेटा एकत्र करने और कृषि उत्पादों के प्रयोग में ड्रोन की मदद से नए सेवा मॉडल को विकसित किया जा सकता है। उर्वरक/दवाएं आदि जैसे फसल उत्पाद बनाने वाली कम्पनियां, ड्रोन संचालकों और अन्य मूल्य श्रृंखला हितधारकों के साथ साझेदारी कर किसानों को फसल सुरक्षा/पोषण जैसी सेवाएं दी जा सकती हैं एवं इसके बदले में उनसे शुल्क लिया जा सकता है।

ड्रोन तकनीक में भारतीय कृषि प्रणाली को बदलने की काफी क्षमता है। सरकार भी ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए निरंतर अहम कदम उठा रही है। हाल ही में सरकार ने ‘नमो ड्रोन दीदी’ नामक एक अनूठी योजना जारी की। इस योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव से संबंधित ट्रेनिंग देकर उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक रुप से सक्षम एवं आत्मनिर्भर किया जा रहा है।

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