अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023: मिलेट्स मार्केट में होगी भारत की बड़ी हिस्सेदारी

सरकार द्वारा कृषि सुधारों को लेकर उठाए जा रहे कदमों का सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगा हैं। अनाज की बंपर पैदावार पिछले कुछ महीनों से देखने को मिल रही है। खास तौर पर ज्वार, बाजरे जैसे मोटे अनाजों की अच्छी पैदावार दर्ज की गई है। जिसके चलते भारत संपूर्ण विश्व में मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार वर्ष 2020 में मिलेट्स के वैश्विक उत्पादों में भारत का अनुमानित हिस्सा करीब 41 फीसदी था। वहीं अब वर्तमान में एशिया स्तर पर बाजरे का कुल उत्पादन 80 फीसदी और समूचे विश्व स्तर पर 20 फीसदी है। 

मिलेट्स (बाजरा) सदियों से मध्य भारत का मुख्य अनाज रहा है, परंतु पिछले कुछ सालों से यह धीरे-धीरे हमारे पोषक आहार से बाहर हो गया है। इसे दोबारा हमारे आहार में शामिल करने के लिए, वैश्विक और घरेलू स्तर पर दोबारा इसकी मांग बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने 2021 में, 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष’ घोषित करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को जारी किया। भारत में खेती को बढ़ावा देने के साथ किसानों को अधिक समृद्ध-सशक्त करने के उद्देश से 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष’ बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा। जिसके तहत खाद्य सुरक्षा व पोषण आहार के प्रति लोगों को जागरूक कर ज्वार-बाजरा और रागी यानी फिंगर मिलेट्स जैसे अनाज को विशेष रुप से बढ़ावा दिया जाएगा।

मिलेट्स के इन लाभों को प्रभावी रुप से लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा जो पहल शुरु की गई है, उससे जुड़कर डिजिटल तकनीक के माध्यम से एग्रीबाज़ार ने भी इस पहल में अपनी सहभागिता दर्ज की है। अब तक एग्रीबाज़ार ई-मंड़ी द्वारा 4,81,000 मीट्रिक टन से अधिक मिलेट्स की बिक्री हुई है। एग्रीबाज़ार, केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अधिकृत व मान्यता प्राप्त ऑनलाइन कमोडिटी मार्केटप्लेस है, जिसने 2016 में अपनी स्थापना के बाद से करीब 14,000 करोड़ जीएमवी का व्यापार किया है। यह मार्केटप्लेस अपनी अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों के साथ भारतीय कृषि क्षेत्र को भविष्य के लिए तैयार समाधान देता है और सुनिश्चित करता है कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सकें। इस प्लेटफॉर्म से लगभग 10,000 व्यापारी और 3 लाख से अधिक किसान जुड़ चुके हैं।

भारत सरकार ने 2022-23 तक देश में 205 लाख टन पोषक अनाज के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। राजस्थान, भारत में मिलेट्स के पोषक अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक है। वहीं महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी बड़ी मात्रा में मिलेट्स का उत्पादन किया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक मिलेट्स मार्केट 2025 तक 9 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 12 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है, ऐसा होने पर विश्व में मिलेट्स का बहुत बड़ा मार्केट होगा और इस मार्केट में भारत की बड़ी वैश्विक हिस्सेदारी होगी।

More Articles for You

रबी सीजन: कैसे करें खेतों को तैयार, कौन-सी फसलें देंगी मुनाफा दमदार?

रबी सीजन यानी किसानों के लिए नई उम्मीदों और सुनहरे अवसरों का मौसम। खरीफ के बाद जब मानसून की विदाई …

Digital, rural-first tool & local language: Redefining agritech

The Indian agritech sector stands at a critical inflection point. As digital adoption deepens across the country’s vast rural landscape, …

WhatsApp Connect With Us