डिजिटल कृषि के साथ समृद्ध होगा भारत का हर किसान !

डिजिटलीकरण का युग कृषि क्षेत्र में नया आविष्कार लेकर आया है। यह उपलब्ध कृषि योग्य भूमि का सर्वोत्तम उपयोग कर कुशल, सटीक तरीके से निरंतर खेती करने, बढ़ती आबादी के साथ खाद्य आपूर्ति मांग को पूरा करने और बेहतर पैदावार प्राप्त करने में सहायक है। डिजिटल खेती फसल विज्ञान को समझने और बेहतर उत्पादन देने, कृषि संबंधी पद्धतियों में सुधार लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और आगे भी निभाएगी।

फॉर्च्यून बिजनेस इन-साइट्स की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक डिजिटल खेती का मार्केट साइज 24.16 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 56.80 बिलियन डॉलर हो सकता है।

डिजिटल तकनीक के फायदे –
1. डिजिटल तकनीक मिट्टी स्वास्थ्य, मानव रहित निरीक्षण, और बाजार भाव जानकारी आदि पर आधारित सुविधा प्रदान करती है।
2. किसानों को उत्पादन के विभिन्न चरणों में फसल और मिट्टी के स्वास्थ्य आँकड़ों को इकट्ठा करने और मूल्यांकन करने की सुविधा देती है।
3. कृषि-तकनीक की मदद से किसान कृषि उत्पादकता में सुधार कर कीट-रोगों, बीमारियों में सुधार लाने में सफल हो रहे हैं। 
4. कब और कितनी मात्रा में सिंचाई और खाद का प्रयोग करना चाहिए, इस की जानकारी अब किसान आसानी से प्राप्त कर सकता है।
5. मौसम आधारित खेती करके आज किसान कम लागत में अधिक फसल उत्पादन प्राप्त कर रहा है।

डिजिटल तकनीक द्वारा एग्रीबाज़ार अपनी विभिन्न एग्रीटेक सुविधाएं प्रदान कर किसानों को निरंतर सक्षम बना रहा है।
1. फसल और मिट्टी स्वास्थ्य – एग्रीबाज़ार, अपनी ‘एग्रीभूमि’ सर्विस द्वारा फसल स्वास्थ्य, संभावित उपज और मिट्टी की स्थिति को समझने के लिए किसानों को तकनीकी समाधान प्रदान करता है।

2. कृषि विशेषज्ञ सलाह/फसल डॉक्टर – किसान, अपनी फसल की तस्वीर भेजकर समय रहते कीट-रोगों का पता लगा सकते है और कृषि विशेषज्ञों से 24×7 फसल स्वास्थ्य संबंधित निःशुल्क सलाह पा सकते हैं।

3. ई-मंडी – एग्रीबाज़ार, अपनी ई-मंडी सुविधा के जरिए किसानों-व्यापारियों को कृषि उपज की ऑनलाइन ट्रेडिंग करने में मदद करता है और पारदर्शी व्यापार के साथ बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सहायता करता है।   

4. स्वचालित सुरक्षित भुगतान – एग्रीपे, एक ऐसा डिजिटल वॉलेट है, जिसके पंजीकरण के तुरंत बाद हर एग्रीबाज़ार ग्राहक/प्रतिभागी के पास पहुंच सकता है। इसके जरिए खरीददार और विक्रेता तत्काल लेन-देन कर सकते हैं। 

5. दैनिक मंडी भाव – किसान, अपनी फसल के लिए बाज़ार कीमतों की एक विस्तृत श्रृंखला और आसपास की कई मंडियों की उपलब्धता के साथ रोजाना ताजा मंडी भाव की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

उपज का आकलन करना और फसल क्षति का मूल्यांकन जैसे कार्यों को परंपरागत रूप से पूरा करने में हालांकि 1-2 महीने या इससे भी अधिक समय लग जाता है, परंतु नई विकसित डिजिटल तकनीकों से, विशेषज्ञों के स्मार्ट और सटीक सलाह से वहीं कार्य अब किसान कम लागत और अल्पावधि में उच्च तकनीकों के साथ पूरा कर सकते हैं।

More Articles for You

Enhancing Indian Agricultural Resilience with NICRA!

Climate change has impacted the globe and is continuing to do so! The G20 Summit has also called for Eliminating …

Castor Commodity Insights

Current Market Developments: Since mid-March castor seed prices have been pressurised by higher supplies against steady demand from castor crushing …

यूपी सरकार की जीआईएस कमांड सेंटर का नेतृत्व करेगा एग्रीबाज़ार

कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों को अधिक सशक्त-समृद्ध बनाने के लिए भारत सरकार निरंतर अहम कदम उठा रही …

agribazaar’s initiative to enhance Uttar Pradesh’s agricultural potential!

Did you know that Uttar Pradesh is India’s top farming state with a total gross cropped area of 25.415 million …

WhatsApp Connect With Us